खेरवाड़ सांवता एभेन बायसी ने मनाया दासॉंय पर्व, संताल बच्चों को शिक्षित करने व नशे से दूर रखने का संकल्प

ईष्ट देवताओं की पूजा के बाद वक्ताओं ने कई महत्वपूर्ण बातें संताल समाज के समक्ष रखीं


दुमका :
झारखंड के दुमका जिले के सदर प्रखंड के मकरो गांव में मंगलवार को खेरवाड़ सांवता एभेन बायसी ने गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित दासाँय पर्व बडे धूमधाम से मनाया। दासॉंय पर्व के मौके पर विधि विधान से पूजा-अर्चना कर इष्ट देवी-देवताओं का गुणगान किया गया और सुख-शांति की कामना की गई।

दासॉंय पर्व गुरु-शिष्य परंपरा का पर्व है।

इस दौरान वक्ताओं ने संताल संस्कृति को बचाने और उसके समक्ष चुनौतियों का जिक्र किया। संतालों का यह पर्व आदिकाल से ही पाँच दिनों तक चलने की प्रथा है। अगल-बगल के गांव के घर-घर दासाँय नाच गान के मध्यम से दल भ्रमण करते हैं।

ईष्ट-देवताओं की पूजा के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और वक्ताओं ने संताल समाज के लिए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला व बच्चे भी शामिल हुए।

आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से बच्चों की शिक्षा को बढावा देने, उन्हें नशे से दूर रखने और अपनी संस्कृति व त्योहार को बाहरी प्रभाव से बचाए रखने पर जोर दिया गाय।

दासॉंय पर्व पांच दिनों का पर्व है, जिसका 30 सितंबर को मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।

आज के कार्यक्रम में नाजिर हेम्ब्रम, टेकलाल मरंडी, सुरेशचन्द्र सोरेन, नयन मुर्मू. बिनीलाल टुडू. मनोहर मरांडी, प्रेम मरांडी, चुडका टुडू, विराम मुर्मू, सुवोधन मरंडी, गोविन्द मुर्मू. राजकिशोर टुडू. रामलाल हांसदा, बबुशल मुर्मू. सुनील मुर्मू, शिवनाथ बेसरा, रंजीत हांसदा, महेंद्र हेम्ब्रम, राजाधन हेम्ब्रम, मंचन हांसदा एवं मकरो गांव के सभी गण्यमान्य लोग उपस्थित हुए। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन जोसेफ मुर्मू ने किया।

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