अबुवा दिसोम अबुवा राज फिर भी संताल आदिवासी को दॉंसाय पर सरकार की ओर से शुभकानाएं नहीं देने पर आक्रोश

दुमका: दिसोम मरांग बुरु युग जाहेर अखड़ा और ग्रामीणों द्वारा दुमका प्रखंड के लेटो गांव में आदिवासी परंपरा व मंझी परगना स्वशासन व्यवस्था के तहत गांव में कुल्ही दुरूप(बैठक) की गई। इसमें ज़िला जनसंपर्क कार्यालय, दुमका द्वारा दुर्गा पूजा एवं दशहरा की सरकार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं का बैनर/होडिंग लगाए जाने और संताल आदिवासी के त्योहार दॉंसाय पर्व की शुभकामनाएं नहीं दिए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया।

दुर्गा पूजा के बैरन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का फ़ोटो लगा हुआ है, यानी राज्य सरकार की ओर से राज्य की सभी जनता को दी गई शुभकामना है, पर इसमें दॉंसाय का जिक्र नहीं होने पर संताल समाज के लोगों ने अफसोस प्रकट किया और जिला जनसंपर्क कार्यालय के प्रति रोष व्यक्त किया।

कुल्ही दुरुप में ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सभी जाति और धर्म के मुख्यमंत्री है और मुख्यमंत्री खुद भी संताल आदिवासी हैं। फिर भी विभाग द्वारा संताल आदिवासी के दॉंसाय पर्व की शुभकानमा नहीं दी गई, जो बहुत दुःख की बात है। इससे अखड़ा और ग्रामीण काफी निराश और आक्रोशित हैं।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अबुवा दिसोम अबुवा राज है फिर भी जनसंपर्क कार्यालय द्वारा हमारे पर्व पर उसका उल्लेख नहीं किया गया और हमें शुभकामनाएं नहीं दी गईं। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और जिला जनसंपर्क कार्यालय से मांग की कि विभाग द्वारा संताल आदिवासी के दॉंसाय पर्व में सरकार की ओर से शुभकामना दी जाएं ताकि इस समाज की गौरवशाली परंपरा का प्रचार-प्रसार हो। लोगों ने कहा कि अगर सरकार की ओर से सार्वजनिक रूप से शुभकामना नहीं दी गई तो उग्र आंदोलन करना होगा। इस मौके पर सुनील टुडू, सूरज टुडू, कहा मरांडी, अनिल टुडू, सूर्यमुनि मुर्मू, मलोती हांसदा, लुखिराम टुडू, मुनि हांसदा, माणिक टुडू, लुखी सोरेन, होपोनटिह किस्कू, लालमुनि मरांडी, सुमित्रा मरांडी, सूरज मरांडी, सिलवंती मुर्मू, लालमुनि टुडू, मिस्त्री मरांडी, बाबूलाल टुडू आदि के साथ काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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