संतालों ने साप्ताहिक पूजा शुरू कर अपने इष्ट देवता मरांग बुरू के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की और यह नई पीढी से यह अपेक्षा व्यक्त की कि वे अपनी संस्कृति को समझें और उसे संरक्षित करें।
दुमका: दुमका जिले के जामा प्रखंड के बरमसिया गांव के तेतरीडंगाल टोला में समाजसेवी सच्चिदानंद सोरेन और गांव के मंझी बाबा, नायकी, गुडित, जोग मांझी, प्राणिक, कुडम नायकी और ग्रामीणों की पहल पर संताल आदिवासी समुदाय ने अपने पारंपरिक पूजा स्थल मांझी थान में 19 अक्टूबर 2025 को सप्ताहिक पूजा शुरू किया। साप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु (पूजा) के पूर्व मंझी थान का सफाई की गयी और उसके बाद सभी महिला, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सामूहिक रूप से पूज्य स्थल मंझी थान में पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार धूप, अगरबत्ती, जल, लड्डू के साथ पूजा किया।
यह तय किया गया कि आज के बाद हर रविवार को सामूहिक रूप से मंझी थान में पूजा किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान समय में धार्मिक आस्था और संस्कृति को बनाये रखने के लिए मंझी थान में साप्ताहिक सामूहिक पूजा बहुत जरूरी है। पूजा का आयोजन इष्ट देवता मरांग बुरु की श्रद्धा में किया जा रहा है, जिसे संताल आदिवासी लोग अपने आराध्य देव के रूप में पूजते हैं।

पूजा में संताल समाज के बच्चे परंपरागत संताली वेशभूषा में शामिल हुए। यह कवायद उनके अंदर अपनी संस्कृति की समझ विकसित करने के लिए की जाती है।
ग्रामीणों के अनुसार साप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु(पूजा) का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक एकता, आध्यात्मिक शांति और सांस्कृतिक विरासत को संजोना है और उसे नई पीढ़ी को हस्तांतरित करना है। यह पहल खासकर युवा पीढ़ी और बच्चों को अपनी परंपरा से जोड़ने के लिए की गयी है, ताकि वे अपने रीति-रिवाजों को समझें, उसका सम्मान करें और गर्व अनुभव करें। इसके साथ-साथ बच्चों को सकारात्मक दिशा में चलने के लिए प्रोत्साहित करना भी इसका उद्देश्य है।
साप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु (पूजा) सामाजिक समरसता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। साप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु (पूजा) से गांव व परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और भाईचारा बढ़ेगा, इसके साथ-साथ धर्म, संस्कृति और सभ्यता को बचाये रखने में मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ साप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु(पूजा) में बच्चों का समग्र विकास के लिए विशेष विनती(प्रार्थना) भी की गयी, जिसमें नशा नही करने,स्कूल जाने, माता-पिता और बुजुर्गाे का सेवा व सम्मान करना आदि शामिल है। सप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु(पूजा) के बाद सभी मरांग बुरु भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस सप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु(पूजा) में पुतुल मरांडी, चुड्की किस्कू, बाहामुनी मरांडी, उषा किस्कू, रविन्द्र मुर्मू, लिलमुनी मरांडी, किरण किस्कू, रवींद्र सोरेन, दिलीप हांसदा, विजय सोरेन, रमेश हांसदा, प्रदीप किस्कू, जगन हांसदा, अजीत सोरेन, छोटेलाल कोल, किरण टुडू, सोनमुनी सोरेन, फुलमुनी मरांडी, अनिता मरांडी, वीणा सोरेन के साथ काफी संख्या में महिला, पुरुष, बच्चे उपस्थित थे।