दुमका : झारखंड के दुमका जिले के मसलिया प्रखंड के रांगा गांव में संताल आदिवासी समुदाय ने अपने पारंपरिक पूजा स्थल मांझी थान में साप्ताहिक बोंगा बुरु (पूजा) शुरू करने का निर्णय लिया है। 12 अक्टूबर को लिए गए निर्णय के मुताबिक हर रविवार को गांव के सभी महिला, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सामूहिक रूप से मंझी थान में पूजा करेंगे। कुल्ही दुरूप यानी ग्रामसभा के बैठक में निर्णय लिया गया कि वर्तमान समय में धार्मिक आस्था और संस्कृति को बनाये रखने के लिए मंझी थान में साप्ताहिक सामूहिक पूजा बहुत जरूरी है।
पूजा का आयोजन इष्ट देवता मरांग बुरु के श्रद्धा में किया जा रहा है, जिसे संताल आदिवासी समाज के लोग अपने आराध्य देव के रूप में पूजते हैं। ग्रामीणों के अनुसार साप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु(पूजा) का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक एकता, आध्यात्मिक शांति और सांस्कृतिक विरासत को संजोना है और नई पीढ़ी को उस परंपरा को हस्तांतरित करना है। यह पहल खासकर युवा पीढ़ी और बच्चों को अपनी परंपरा से जोड़ने के लिए की गयी है, ताकि वे अपने रीति-रिवाज को समझें और उनके अंदर सांस्कृतिक चेतना आए। साथ ही वे उसका सम्मान करें और गर्व अनुभव करें। इसके साथ-साथ बच्चों को सकारात्मक दिशा में चलने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाना है। आयोजन के तहत प्रत्येक रविवार को गांव वाले पूज्य स्थल मांझी थान का सफाई करेंगे और सभी एकत्र होकर पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा करेंगे, जिसमें धूप, अगरबत्ती, जल-प्रसाद शामिल है।

पूजा की तैयारी में संताल युवतियां।
सामाजिक रूप से गांव को चलाने वाले मांझी बाबा यानी प्रधान, नायकी, जोगमंझी, प्राणिक, गुड़ित, कुड़म नायकी ने इस पहल का स्वागत किया है। इसे सामाजिक समरसता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि साप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु (पूजा) से गांव व परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और भाईचारा बढ़ेगा, इसके साथ-साथ धर्म, संस्कृति और सभ्यता को बचाये रखने में मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ साप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु(पूजा) में बच्चों के समग्र विकास के लिए विशेष विनती(प्रार्थना) भी की जाती है, जिसमें नशा नहीं करने, स्कूल जाने, माता-पिता और बुजुर्गाे का सेवा व सम्मान करना आदि शामिल है।
मौके पर उपस्थित समाजसेवी सच्चिदानंद सोरेन ने कहा कि ग्रामीणों की यह पहल आने वाले दिनों में संताल समाज के लिए पूरे क्षेत्र के लिए एक मिसाल बनेगी।
आज सप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु(पूजा) के बाद सभी मरांग बुरु भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।इस सप्ताहिक मंझी थान बोंगा बुरु(पूजा) में मार्शल हांसदा, पोरमे मुर्मू, रूपेश सोरेन, मनोसल बास्की, सुमेश्वर मरांडी, अलिका किस्कू, अनिल सोरेन, मर्शिला सोरेन, ममता सोरेन, हबली मुर्मू, प्रिया हांसदा, सोनामुनी मरांडी, पूनम मरांडी, बहुमुनी सोरेन, संतोला हांसदा, बेनाली सोरेन, किरण मुर्मू, अभिराज मरांडी, संतरी सोरेन, पुष्पालता सोरेन, छबि सोरेन, सुमनलता सोरेन, शिवानी हांसदा, बाबूधन हांसदा, अंकिता हांसदा, सुकूदी सोरेन, अंजू सोरेन, देव सोरेन, मेरी सोरेन के साथ काफी संख्या में महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग उपस्थित थे।