पलासबोना, अंधारकोठा, श्रीकुंड : साहिबगंज जिले का ड्राइ जोन, जहां बचपन पर है पानी का बोझ

पलासबोना, श्रीकुंड और अंधारकोठा गांव के लोग सार्वजनिक जलस्रोतों पर पानी के लिए निर्भर हैं। ऐसे…

तिस्ता-III परियोजना पर वैज्ञानिक पुनर्मूल्यांकन और लोकतांत्रिक निर्णय की माँग

तिस्ता एक अनोखी ग्लेशियर-निर्मित नदी है जो सिक्किम के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध इलाकों…

भारत में भूजल प्रदूषण का संकट गहरा हो रहा है: केंद्रीय भूजल बोर्ड

ईशा लोहिया (Esha Lohia) भूजल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि जमीन के…

कोशी के लोग बाढ़ की विभीषिका के महीनों बाद भी बेहाल, प्रशासन व सरकार के समक्ष लोगों ने रखी मांग

सुपौलः पिछले साल मानसून के आखिरी चरण में नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद कोशी…

सरकारी रिकार्ड में 120 साल पहले लखनऊ में थे 17,030 कुएं, अब हैं मात्र दो, भूजल दोहन का संकट गहरा

लखनऊ समेत देश के कई बड़े शहर भूजल संकट के मुहाने पर खड़े हैं। केंद्रीय भूमिजल…

केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना का विरोध क्यों कर रहे हैं पन्ना के आदिवासी?

सतीश भारतीय मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में लोग केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना का विरोध कर रहे…

मछुआरा समुदाय के अधिकारों के लिए फ्रेजरगंज से फरक्का तक एक महीने लंबी गंगा यात्रा

दक्षिण बंग मत्स्यजीवी फोरम की पहल पर गंगा नदी के अपस्ट्रीम में 500 किमी लंबी यात्रा…

लालच और सत्ता के दुरुपयोग से संकट के कगार पर पहुंचे सुंदरबन के मछुआरे

मिलन दास सुंदरबन पूंजीवाद का शिकार हो गया है। पर्यटन कारोबार के बेलगाम होने से इस…

कोशी: दो तटबंधों के भीतर हम डूब रहे हैं और सरकार को सिर्फ तटबंध की फिक्र है

राजेश कुमार मंडल हम कोशी नदी के बीच के निवासी हैं। हम तीसरी पीढ़ी हैं जो…

फोकस के बाहर कोशी दियारा का जनजीवन, समस्या सुलझाने के लिए संवेदनशीलता जरूरी

राहुल यादुका तटबंध सिर्फ नदियों को नहीं बांधते। तटबंध केवल स्पेस को खण्डित नहीं करते। तटबंध…