मौसम में बदलाव से बिहार में बड़ी क्षति, अगले पांच दिनों तक मौसम का कैसा रहेगा हाल?


बिहार के सुपोल जिले में सबसे अधिक बारिश हुई है। जिले में दो केंद्रों पर 100 मिमी
से अधिक और पांच केंद्रों पर 50 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश से राज्य के कई हिस्सों में गेहूं और अन्य रबी फसलों को नुकसान हुआ है।

पटना: 10 अप्रैल को बिहार में हुई बारिश व आंधी-तूफान ने व्यापक क्षति पहुंचायी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वज्रपात व मौसम जनित अन्य वजहों से कम से कम 24 लोगों की राज्य में मौत हो गई। वहीं, गेहूं व अन्य फसलों को क्षति हुई है।

भारतीय मौसम विभाग ने 10 अप्रैल को अगले एक सप्ताह के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। इस पुर्वानुमान के अनुसार, सभी छह क्षेत्रों में 12 अप्रैल तक बारिश की संभावना है। जबकि दो क्षेत्रों उत्तर पूर्व बिहार व दक्षिण पूर्व बिहार में 16 अप्रैल तक बारिश की संभावना है। उत्तर पूर्व क्षेत्र में सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार जिले आते हैं, जबकि दक्षिण पूर्व बिहार में भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया जिले आते हैं।

https://mausam.imd.gov.in/patna/mcdata/district.pdf

मौसम विभाग द्वारा 10 अप्रैल को सुबह जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में दो केंद्रों पर भारी से भारी यानी 100 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। ये दोनों केंद्र सुपौल जिले में स्थित क्रमश त्रिवेणीगंज, सुपौल। त्रिवेणीगंज में 116..2 मिमी जबकि सुपौल केंद्र पर 110.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

राज्य के सुपौल के अलावा मधेपुरा, किशनगंज, सहरसा, मधुबनी, सीतामढी, पूर्णिय, किशनगंज में भी काफी बारिश हुई है। हालांकि पूरे उत्तर बिहार में अत्यधिक बारिश दर्ज की गई है।

मौसम को लेकर जारी की गई चेतावनी। Source – IMD

बारिश की वजह से उत्तर बिहार के विभिन्न क्षेत्र में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। जिन किसानों के गेहूं नहीं कटे थे या काट कर खेत में रखे गए थे, उनकी फसल की क्षति हुई है।

मौसम विभाग द्वारा क्षेत्रवार अगले सप्ताह का पेश किया गया बारिश पूर्वानुमान। Source -IMD

सुपौल के सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र यादव के अनुसार, इस बारिश से जिले व अधिकांश उत्तर बिहार में गेहूं सहित रबी की अधिकतर फसलों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा है कि मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, लोगों को सतर्क भी रहना होगा। साथ ही सरकार से मांग की है कि किसानों को फसल क्षतिपूर्ति की जाए।

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