बॉन(जर्मनी) : पृथ्वी के सबसे बड़े स्ताधारी पशु प्रवास क्षेत्र का मानचित्र कन्वेंशन ऑफ माइग्रेटरी स्पेसिज (सीएमएस- the Convention on the Conservation of Migratory Species of Wild Animals) की ओर से जारी किया गया। कन्वेंशन ऑफ माइग्रेटरी स्पेसिज संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रवासी जीवों के संरक्षण के लिए एक संधि है, जिसके तहत दुनिया भर में वन्य जीवों व प्रवासी पशुओं के संरक्षण के लिए प्रयास किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम के तहत 1983 में जर्मनी के बॉन शहर में यह संधि हुई थी और भारत भी इसका एक पार्टी है।

Tiang Badingilo Map.
इस मानचित्र को जारी करते हुए सीएमएस ने अपने बयान में कहा है कि यह मानचित्र दक्षिण सूडान के विशाल आर्द्रभूमि (wetlands) से इथियोपिया के बीच एक लाख वर्ग किमी से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है और यह क्षेत्र 50 लाख से अधिक प्रवासी पशुओं की सुरक्षा व संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। इन प्रवासी पशुओं में दो प्रवासी मृग प्रजातियां सहित कई अन्य शामिल हैं। यह क्षेत्र सेरेनगेटी नेशनल पार्क से करीब सात गुना बड़ा है। पृथ्वी के इस सबसे बड़े ज्ञात स्तनपायी प्रवास स्थल को ग्रेट नाइल माइग्रेशन (Great Nile Migration)के नाम से भी जाना जाता है, जहां 50 लाख कोब ( kob) और चार लाग तियांग (Tiang) सहित अन्य स्तनधारी हर साल जरूरी आर्द्र यानी गीले क्षेत्र की तलाश और शुष्क मौसम के आवासों तक पहुंचने के लिए जटिल और लंबी दूरी की यात्राएं तय करते हैं।

Nile River in Boma and Badingilo National Parks, South Sudan. Image – © Marcus Westberg
इन पशुओं का रूट उन्हें बेडिंगलो से बोमा नेशनल पार्क तक लेकर जाता है। वहीं, कुछ जीव इथियोपिया के गैम्बेला नेशनल पार्क में उत्तर की ओर पलायन करते हैं, जो फरवरी से मई तक शुष्क मौसम में विशेष रूप से कोब के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रय स्थल है।

Kob Badingilo map.
नए जारी किए गए प्रवास मानचित्र जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण सम्मेलन के तहत वैश्विक पहल यूग्युलेट माइग्रेशन एटलस का हिस्सा है। इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी संपर्क बनाए रखने के लिए संरक्षण योजना, बुनियादी ढांचे के विकास और नीति निर्माण का समर्थन करना है। ताकि मानव-वन्यजीव के संघर्ष की संभावना को कम करते हुए प्रवासी प्रजातियों के लिए आवश्यक आवासों को संरक्षित किया जा सके।

Caption – White eared kob antelope in Great Nile Migration Landscape. Image © David Simpson
इस मौके पर सीएमएस की कार्यकारी सचिव एमी फ्रेंकेल ने कहा, “जारी किए गए मानचित्र दक्षिण सूडान और इथियोपिया के परिदृश्यों की परस्पर संबद्धता को उजागर करते हैं और प्रवासी प्रजातियों के अस्तित्व के साथ बुनियादी ढांचे के विकास को संतुलित करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। ये पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य व वन्य जीव की आबादी को बढाने के साथ मानव-वन्यजीव टकराव को कम करने के महत्व की मजबूती से याद दिलाते हैं”।

Elephant in Boma and Badingilo National Parks, South Sudan. Image – © Marcus Westberg
ये नक्शे हाल में अफ्रीकी पार्क और दक्षिण सूडान के वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन मंत्रालय द्वारा जून 2024 में जारी किए गए हवाई सर्वेक्षण व ट्रैकिंग डेटा पर आधारित हैं। इस दौरान जीव विज्ञानियों ने चार प्रजातियों के लगभग 50 से 70 लाख पशुओं के होने का अनुमान लगाया।
कोब और तियांग का प्रवास मार्ग अब मौसमी सीमाओं के बीच स्पष्ट रूप से मैप किए गए हैं, जो चरम मौसमी परिस्थितियों में उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक गलियारों को उजागर करते हैं। जैसे-जैसे मानव आबादी और बुनियादी ढांचे का विस्तार होता है, ये विस्तृत नक्शे बड़े पैमाने पर परियोजनाओं, खासकर ऊर्जा बुनियादी ढांचे के प्रभावों को कम करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

Water channel in Great Nile Migration Landscape, South Sudan. Image © David Simpson
समुदाय के साथ ठोस प्रबंधन की जरूरत
इस प्रयासों के बीच इस क्षेत्र में तेल निष्कर्षण (तेल निकालना) एक गंभीर चिंता का विषय है, खासकर ब्लॉक बी 2 के रूप में जाना जाने वाला विकास क्षेत्र, जिसे दक्षिण अफ्रीका के रणनीतिक ईंधन कोष और दक्षिण सूडान के नीलपेट के द्वारा संचालित किया जाता है। यह क्षेत्र कोब और तियांग दोनों के प्रवास के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र को कवर करता है। अगर योजनाएं सावधानी पूर्वक तैयार व अमल नहीं की गईं तो तेल खोज परियोजनाएं वन्यजीव प्रवास क्षेत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, मानव अतिक्रमण व अवैध शिकार को बढा सकता है। यह आवश्यक है कि इस क्षेत्र में स्थानीय समुदाय के साथ ठोस प्रबंधन और सहयोग आधारित संरक्षण पहल को बढावा दिया जाए।

Community Kassangor in Boma and Badingilo National Parks, South Sudan. Image © Marcus Westberg