दार्जिंलिंग: पश्चिम बंगाल के सुदूर उत्तरी जिले दार्जिलिंग में भू धंसान में कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में 18 भारतीय नागरिक व पांच नेपाली नागरिक शामिल हैं। नेपाल के पांच नागरिकों की भारत-नेपाल सीमा पर स्थित मानेभंज्यांग में मौत हुई है।
भारी बारिश की वजह से इस हिमालयी जिले में कई जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और नुकसान का खतरा भी बना हुआ है।

फोटो स्रोत: द दार्जिलिंग क्रॉनिकल।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर राज्य में भारी बारिश से आयी आपदा पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि राज्य मुख्यालय व जिलों में लगातार सक्रिय नियंत्रण कक्ष संचालित हो रहे हैं। उन्होंने राज्य का आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष का नंबर – +91 33 2214 3526 और +91 33 2253 5185 व टोल फ्री नंबर +91 86979 81070 और 1070 जारी किया है और लोगों से संकट में उस पर संपर्क की अपील की है।

फोटो स्रोत: द दार्जिलिंग क्रॉनिकल।
उन्होंने मृतकों के परिवार के प्रति संवदेना प्रकट की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि भारी बारिश के बाद दो लोहे के पुल ढह गए हैं, कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और बाढ़ आ गई है। दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार जिलों में ज़मीन के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं। मिरिक, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, माटीगाड़ा और अलीपुरद्वार में विशेष रूप से चिंताजनक क्षति और नुकसान की खबरें आई हैं।
उन्होंने कहा है कि वे लगातार हालात पर नजर रख रही हैं और छह अक्टूबर को उत्तर बंगाल के दौरे पर जाएंगी। मुख्यमंत्री ने पर्यटकों से अपील की है कि जब तक राज्य की पुलिस उन्हें बाहर सुरक्षित नहीं निकाल लेती है, तब तक वे वहीं रहें जहां हैं। राहत-बचाव का खर्च सरकार वहन करेगी।

भू धंसान के बाद का एक दृश्य। फोटो स्रोत: द दार्जिलिंग क्रॉनिकल।
वहीं, भूटान के राष्ट्रीय जल विज्ञान एवं मौसम विज्ञान केंद्र ने वांगचू नदी पर स्थित ताला जल विद्युत बांध के गेटों की खराबी के कारण ओवरफ्लो होने के बाद पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है। खासकर जलपाईगुड़ी व कूचबिहार जिले में बाढ़ का खतरा बढ गया है।
इधर जलपाईगुड़ी के कई इलाके में पानी का स्तर बढ चुका है। न्यूज एजेंसी एएनआइ ने जलपाईगुड़ी की एक स्थानीय महिला सीमा बिद्या राय को हवाले से खबर दी है कि स्थिति बहुत खराब है और पानी का स्तर काफी बढ गया है।
सीमा बिद्या राय ने कहा है कि पानी बढने से उनके घर में कुछ नहीं बचा, पूरा इलाका पानी मंे डूब गया है, हमें खाना नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि बच्चे को लेकर दूसरे के घर में शरण लिया तो जान बची। उन्होंने कहा कि पानी बढने से हालत इतना खराब हुआ कि काम पर नहीं जा सकते हैं।