ओडिशा में जलवायु अनुकूलन को मजबूत करने के लिए सीजीआइआर क्लाइमेट एक्शन प्लान शुरू

इस पहल का उद्देश्य ओडिशा जैसे जलवायु संवेदनशील राज्य में कृषि, जल प्रणाली व ग्रामीण आजीविका को जलवायु चुनौतियों के प्रति सक्षम बनाना है।

भुवनेश्वर: अंतरराष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान (International Water Management Institute) ने आइसीएआर-आइआइडब्ल्यूएम (Indian agricultural research institute-Indian Institute of Water Management) के साथ साझेदारी में 14 मई 2025 को ओडिशा में सीजीआइएआर जलवायु कार्रवाई कार्यक्रम शुरू किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ओडिशा जैसे अत्यधिक जलवायु संवेदनशील राज्य जो अक्सर चक्रवात, बाढ, सूखे और बढते तापमान का सामना करता है, वहां कृषि, जल प्रणाली व ग्रामीण आजीविका को जलवायु चुनौतियों के प्रति सक्षम बनाया जाए।

इसका उद्देश्य जलवायु जोखिम प्रबंधन को मजबूत करना, डिजिटल जलवायु सेवाओं को बढाना और स्थानीय स्तर पर संचालित अनुकूलन और नवाचार पहल को तेज करने पर ध्यान केंद्रित करना है। इस कार्यक्रम की शुरुआत ओडिशा में जल संसाधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव व विकास आयुक्त अनु गर्ग ने किया। मौके पर ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक कमल लोचन मिश्रा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आइसीएआर के उप महानिदेशक प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन डॉ एके नायक मौजूद थे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग ने इस दौरान कहा, “कालाहांडी जैसे क्षेत्रों में काम करने के बाद मैंने खुद देखा है कि जलवायु तनाव के कारण पानी की कमी और गरीबी कैसे बढ़ती है। ओडिशा में पिछले तीन दशकों में बाढ़ और चक्रवातों की बढ़ती आवृत्ति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन अब कोई दूर का खतरा नहीं है यह हमारी वास्तविकता है”। उन्होंने कहा, “ओडिशा नवाचार और सहयोग के माध्यम से जलवायु लचीलापन सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीजीआइएआर जलवायु कार्रवाई कार्यक्रम अपने एकीकृत दृष्टिकोण और वैश्विक विशेषज्ञता के साथ हमारे विज़न 2036 रणनीति के साथ अच्छी तरह से संरेखित है। हम इस यात्रा का हिस्सा बनकर खुश हैं और एक मजबूत व कार्रवाई उन्मुख साझेदारी के लिए तैयार हैं”।

कार्यक्रम के दौरान संबोधित करतीं अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग।

कार्यक्रम के दौरान इंटरनेशनल वॉटर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल रिसर्चर और सीजीआइएआर क्लाइमेट एक्शन साइंस प्रोग्राम के अंतरिम उप निदेशक डॉ गिरिराज अमरनाथ ने कहा, “जलवायु संकट अब कोई दूर का खतरा नहीं रह गया है। यह पहले से ही ओडिशा में जीवन, आजीविका और पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य जलवायु दूरदर्शिता, डिजिटल नवाचार और समुदाय के नेतृत्व वाली कार्रवाई व पहल की शक्ति का उपयोग करके जमीन पर जलवायु लचीलापन को मजबूत करना है। विज्ञान, लोकल नॉलेज और नीति को जोड़कर हम पूर्व अनुमानित योजना को आगे बढ़ा सकते हैं और जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके जरिए हम ओडिशा के सबसे कमज़ोर समुदायों के लिए अधिक समावेशी और जलवायु लचीला भविष्य का निर्माण कर सकते हैं”।

कार्यक्रम में शामिल ओडिशा सरकार व विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि।

इस पहल के तहत जलवायु लचीलापन को बढाना, समावेशी और कम उत्सर्जन वाले विकास को आगे बढाना है। यह कार्यक्रम रणनीतिक दूरदर्शिता, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, कम उत्सर्जन वाली खाद्य प्रणाली और जलवायु वित्त सहित प्रमुख क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगा।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य ओडिशा में एसएपीसीसी और विकास प्राथमिकताओं के साथ सीजीआइएआर नवाचारों को संरेखित करना, शीघ्र कार्यान्वयन के लिए लक्षित भौगोलिक क्षेत्रों की पहचान, सरकार शिक्षाविदों और नागरिक समाज को शामिल करते हुए संयुक्त क्षमता विकास पहल, कार्यक्रम के मार्गदर्शन और स्केलिंग के लिए एक सलाहकार समूह का गठन, भागीदारी और जलवायु वित्त जुटाना है। आइडब्ल्यूएमआइ और सीजीआइएआर ने बढती जलवायु चुनौतियों का सामना करने के लिए लचीले खाद्य, भूमि व जल प्रणालियों के निर्माण के लिए ओडिशा सरकार के साथ मिल कर काम करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतायी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *