दुमका : हिजला गांव के ग्रामीणों और विभिन्न आदिवासी संगठनों की लगातार मांग करने और आंदोलन…
Category: ग्रामीण भारत
हिजला मेले में ओलिचिकी लिपि में तोरण द्वार व बैनर नहीं लगाए जाने से ग्रामीण व आदिवासी संगठन नाराज, तुरंत सुधार की मांग
दुमका : 135 वर्ष पुराना ऐतिहासिक राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव दुमका प्रखंड के हिजला गांव…
कॉमन्स के लिए आदिवासियों के संघर्ष से जुड़ा है हिजला के सांस्कृतिक आयोजन का इतिहास
इन दिनों पर्यावरण के क्षेत्र में कॉमन्स शब्द की चर्चा प्रमुखता से हो रही है। हालांकि…
संताल आदिवासियों की धार्मिक पुस्तक जोमसिम विनती का डॉ धुनी सोरेन ने किया विमोचन
पुस्तक के लेखक संताल धर्म गुरु व टैगोर साहित्य पुरस्कार से सम्मानित सोमय किस्कू हैं, जिन्होेंने…
हिजला मेले में ओलिचिकी लिपि में तोरण द्वार व बैनर लगवाने की हेमंत सरकार से आदिवासी समाज ने की मांग
दुमका: दुमका में आयोजित होने वाले राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव की शुरुआत तीन फरवरी 1890…
झारखंड के ऐतिहासिक गांव हिजला में विकास का एक नमूना, सड़क का निर्माण ऐसे कि खत्म हो जाता है पीसीसी का महत्व
दुमका : दुमका जिले में स्थित हिजला झारखंड का एक एक ऐतिहासिक गांव है, जिसका इतिहास…
संताल आदिवासियों का सवाल, बंगाल, असम व ओडिशा में ओलचिकी लिपि मान्य तो झारखंड में क्यों नहीं?
दुमका: दिसोम मरांग बुरु संताली अरीचली आर लेगचर अखड़ा और ग्रामीणों ने संताली भाषा, ओलचिकी लिपि…
संताली भाषा व ओलचिकि लिपि में पढाने की मांग किस आधार पर कर रहे हैं झारखंड के संताल आदिवासी?
मुख्यमंत्री को मांग सौंप कर अमल करने की विभिन्न संगठनों ने किया है आग्रहदुमका : झारखंड…
आदिवासी हितों की रक्षा के लिए पेसा के अनुरूप हो झारखंड पंचायती राज कानून में संशोधन: महासभा
झारखंड जनाधिकार महासभा का तर्क है कि पंचायती राज कानून में राजस्व गांव को इकाई माना…
संताल आदिवासियों की माघ बोंगा का सामाजिक जीवन में क्या है महत्व, जानिए
दुमका के मसलिया गांव में संताल आदिवासियों का माघ बोंगा (माघ पूजा) संपन्न दुमका : झारखंड…