नेपाल में हो रही भारी बारिश की वजह से सप्तकोसी नदी का जल स्तर काफी बढ गया है। सप्तकोसी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचने के बाद कोसी बैराज के सभी 56 स्लुइस गेट खोल दिये गये हैं। नेपाल के प्रकाशन द हिमालयन टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में नेपाल के सुनसरी जिला पुलिस के हवाले से लिखा है कि 28 सितंबर 2024 की सुबह नदी के पानी का बहाव 381840 क्यूसेक प्रति सेकेंड मापा गया।
सप्तकोसी जल मापन केंद्र ने बताया है कि पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। इसके चलते उदयपुर और सुनसरी के कुछ इलाकों में नदी में बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है। वहां नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सचेत किया गया है।
रॉयटर्स ने खबर दी है कि नेपाल की राजधानी काठमांडू कुछ हिस्सों में पिछले दिन यानी 27 सितंबर 2024 को 322.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। नेपाल के मध्य व पूर्वी हिस्से में मध्यम से लेकर काफी अधिक बारिश हुई है, जो 50 मिमी से 200 मिमी से अधिक तक है। नेपाल में बारिश की वजह से 38 लोगों की मौत हो चुकी है और 29 लोग गायब हैं।
इधर, भारत के बिहार में नेपाल में हो रही अतिवृष्टि का असर दिख रहा है। नेपाल में रविवार 29 सितंबर तक तेज बारिश की आशंका है। बिहार सरकार के सिंचाई विभाग ने 27 सितंबर को जारी बयान में अगले 48 घंटों को अधिक संवेदनशील बताया है।
कोसी बैराज से 28 सितंबर को दिन के 12 बजे तक पानी को डिस्चार्ज किये जाने का स्तर पांच लाख क्यूसेक को पार कर पांच लाख सात हजार 690 पर पहुंच गया। दोपहर दो बजे तक डिस्चार्ज लेवल 5.31 लाख क्यूसेक पहुंच गया। सुपौल के जिलाधिकारी कौशल कुमार ने मौके का निरीक्षण किया है और लोगों से ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील की है।
बिहार के जल संसाधन विभाग ने 27 सितंबर को एक प्रेस बयान जारी कर कहा था कि नेपाल में अत्यधिक बारिश की वजह से गंडक, कोसी और महानंदा आदि नदियों में पानी का अप्रत्याशित बहाव होने की संभावना है।
जल संसाधन विभाग के बाढ प्रबंधन सुधार सहायता केंद्र, पटना द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 28 सितंबर की रात्रि 12 बजे वाल्मीकिनगर स्थित गंडर बराज से छह लाख क्यूसेक और इस दिन 12 बजे दोपहर वीरपुर स्थित कोसी बैराज से 6.81 लाख क्यूसेक पानी के प्रवाहित होने की संभावना है। यह अबतक देखे गये अधिकतम बहाव के करीब होगा। बयान में कहा गया है कि जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में इस हालात को लेकर बैठक कर समीक्षा की गई है। विभाग ने सभी क्षेत्रीय अभियंताओं को तटबंधों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से 48 घंटे तक संवेदनशील-अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैंप करने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया गया है और अधिकारियों के मोबाइल नंबर सार्वजनिक किये गये हैं।
बिहार सरकार के सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव ने नेपाल में भारी बारिश और बाढ की आशंका के मद्देनजर सभी अधिकारियों का अवकाश भी रद्द कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार बाढ को लेकर एक टॉल फ्री नंबर 18003456145 का संचालन करती है, जिस पर बाढ संबंधी आपदा, आकस्मिकता, तटबंधों के सीपेज, पाइपिंग, रिसाव, कटाव, क्षरण, जान बूझकर नुकसान पहुंचाने की सूचना दी जा सकती है। बिहार सरकार के दावे के अनुसार, यह हेल्पलाइन प्रत्येक दिन 24 घंटे काम करती है और इस पर मिली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाती है।