झारखंड के डॉ. रणजीत कुमार सिंह को मिला पर्यावरण चौंपियन अवॉर्ड

देहरादून स्थित भारतीय वन्य जीव संस्थान में साहिबगंज के डॉ सिंह को किया गया सम्मानित

साहिबगंज: इस साल पर्यावरण दिवस के मौके पर झारखंड की झोली में पर्यावरण संरक्षण के लिए अभिनव प्रयोग करने को लेकर एक महत्वपूर्ण आवार्ड हासिल हुआ। झारखंड के साहिबगंज जिले में स्थित मॉडल कॉलेज, राजमहल के प्राचार्य एवं पर्यावरणविद डॉ. रणजीत कुमार सिंह को भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा पर्यावरण चौंपियन अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया। यह गौरवशाली सम्मान उन्हें डब्ल्यूआइआइ-एनएमसीजी प्रोजेक्ट के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।

देहरादून में आयोजित इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित पर्यावरणविद व सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. संगीता अंगोम (वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण समन्वयक, डब्ल्यूआइआइ-एनएमसीजी) द्वारा स्वागत भाषण एवं पुरस्कार के उद्देश्य से हुआ। इसके पश्चात श्रीमती हेमलता खंडूरी (ईको-डेवलपमेंट ऑफिसर, डब्ल्यूआइआइ-एनएमसीजी प्रोजेक्ट) ने प्रेरणादायी उद्बोधन दिया।

इस आयोजन में चिपको आंदोलन की अंतिम सक्रिय कड़ी मानी जाने वाली श्रीमती सुदेशा देवी ने विशेष अतिथि के रूप में डॉ. सिंह को सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अनूप नौटियाल (संस्थापक, एसडीसी फाउंडेशन) मौजूद थे, जिन्होंने प्रेरक संबोधन दिया।

कार्यक्रम में शामिल हुए प्रतिभागी व अतिथि।

डॉ रणजीत सिंह साहिबगंज में राजमहल की पहाड़ियों के दुर्लभ जीवाष्म के संरक्षण प्रयासों, गंगा की स्वच्छता, वन्य जीवों के संरक्षण और वेटलैंड के संरक्षण प्रयासों से जुड़े रहे हैं। वे छात्रों व युवाओं को पर्यावरण के रूप में संवेदनशील बनने और अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।

उनके नेतृत्व में संचालित प्रमुख गतिविधियों में वृक्षरोपण, पर्यावरणीय काव्य गोष्ठियां, स्वच्छता व प्लास्टिक विरोध जागरूकता अभियान, छात्र निबंध लेखन, विज्ञान प्रतियोगिताएं और पारिस्थितिकी कार्यशालाएं शामिल हैं।

यह महत्वपूर्ण आवार्ड मिलने पर डॉ सिंह ने कहा, यह पुरस्कार मेरे लिए केवल सम्मान नहीं, बल्कि एक नई जिम्मेदारी है। हमें धरती से मिला हर उपहार . स्वच्छ हवा, निर्मल जल और हरियाली लौटाना होगा। यह केवल सरकारों की नहीं, हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। आइए, हम एक पौधा लगाकर शुरुआत करें और प्लास्टिक को ना कहें।

यह सम्मान मिलने पर डॉ रणजीत कुमार सिंह को कई महत्वपूर्ण शख्सियतों ने बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।

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