नेपाल में अतिवृष्टि से अबतक 192 लोगों की मौत, बिहार में तीन नदियों पर छह तटबंध टूटे

क्लाइमेट ईस्ट डेस्क

नेपाल में 22 साल बाद इतनी रिकार्ड बारिश, 23 हाइवे क्षतिग्रस्त हुए
22 हाइड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट व नौ ट्रांसमिशन लाइन क्षतिग्रस्त
नेपाल से बिहार आने वाली नदियों में जलस्तर बढने से बढा संकट

नेपाल में पिछले दिनों हुई भारी बारिश की वजह से 192 लोगों की मौत हो गई और करीब 194 लोग जख्मी हैं। नेपाली अखबार द हिमलायन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस त्रासदी से 194 लोग जख्मी हुए हैं। अकेले राजधानी काठमांडू में 56 लोगों की मौत हुई है। नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी के अनुसार, बाढ़ और भूधंसान के बाद आपदा से प्रभावित 4500 लोगों को रेस्क्यू किया गया है और सभी एजेंसियों को प्रभावित लोगों की तलाश, रेस्क्यू और राहत पहुंचाने के लिए गतिशील किया गया है। नेपाल में हाइवे को खोलने की कोशिश की जा रही है और परिचालन को सामान्य करने के प्रयास जारी है।

नेपाल सरकार द्वारा 29 सितंबर को जारी एक विस्तृत बयान में कहा गया है कि 26 से 28 सितंबर के दौरान 20 जिले अतिवृष्टि से प्रभावित हुए। नेपाल के 23 हाइवे इस आपदा से प्रभावित हुए। भोटेकोशी नदी पर बने कंक्रीट के तीन पुल बह गये। कई मार्ग ब्लॉक हो गये, जिसमें नेपाल व चीन को जोड़ने वाली सड़क भी शामिल है। कोसी प्रांत में चार पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये। 22 हाइड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट व नौ ट्रांसमिशन लाइन क्षतिग्रस्त हुए। सात हजार हेक्टयेर धान की फसल बाढ़ में डूब गई और पशुधन की भी क्षति हुई। 22 साल बाद शुक्रवार व शनिवार दो दिन में यानी 27 व 28 सितंबर को काठमांडू में इतनी बारिश हुई। काठमांडू में त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 24 घंटे में 239.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि इससे पहले 2002 में 177 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

नेपाल में अतिवृष्टि के बार राहत-बचाव कार्य चलाने के लिए हेलिकॉप्टर का भी उपयोग किया गया। तसवीर – नेपाली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण।

इधर नेपाल में अतिवृष्टि का असर बिहार में दिख रहा है। कोसी नवनिर्माण मंच के संयोजक महेंद्र यादव के अनुसार, बिहार के विभिन्न जिलों में सात तटबंध टूट गये हैं। ये तटबंध कोसी, गंडक व बागमती नदियों पर हैं। कोसी का पश्चिमी तटबंध दरभंगा जिले के किरतपुर प्रखंड के भूबोल के पास टूटा है और वह क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है। उन्होंने कहा है कि गंडक नदी पर पश्चिम चंपारण के बगहा प्रखंड में तटबंध टूट गया है। सीतामढी के बेलसंड के धमौल, सौला रूपौली, रून्नीसैदपुर के खौटा, तिलक राजपुर व शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड के छपरा गांव में तटबंध टूटे हैं।

कोसी नवनिर्माण मंच के संयोजक महेंद्र यादव के अनुसार, यह पानी आगे कमला नदी के पूर्वी तटबंध के बीच से होकर निकलेगा तो आगे गंडौल से बिरौल रोड के अवरोध से इधर पानी का दबाव रहेगा। कमला के पूर्वी तटबंध पर दबाव रहेगा। उनके अनुसार, कोसी तटबंध के भीतर सुपौल, मधुबनी, सहरसा आदि जिलों में भयंकर तबाही है।

बिहार सरकार ने 30 सितंबर को जारी अपने बाढ़ बुलेटिन में छह जगह तटबंध के क्षतिग्रस्त होने की बात कही है। ये तटबंध सीतामढी, शिवहर, पश्चिमी चंपारण व दरभंगा जिले में हैं और बागमती, कोसी व गंडक नदी पर स्थित हैं।

कोसी बैराज पर जल घटने के बाद का दृश्य। पानी कम होने के बाद कचरा जिसमें प्लास्टिक की बोतलें प्रमुख रूप से हैं, जमा हो गया है।

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बिहार में नदियों बारहमासी और गैर बारहमासी के रूप में चिह्नित हैं, जिनमें नेपाल से निकलने वाली नदियों उच्च तलछट भार ले जाती हैं जो बिहार के मैदान में जमा हो जाता है। इस क्षेत्र में अधिकतर बारिश मानसून के तीन महीनों में केंद्रित होती है और इस दौरान नदियों का प्रवाह 50 गुना तक बढ़ जाता है, जिससे बिहार में बाढ आती है। राज्य के 38 में 28 जिलों व 73.63 हिस्से में बाढ का खतरा होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *