आंदोलन का असरः हिजला मेले में हिंदी के साथ ओलिचिकी में लगाया गया डिस्प्ले

दुमका : हिजला गांव के ग्रामीणों और विभिन्न आदिवासी संगठनों की लगातार मांग करने और आंदोलन…

हिजला मेले में ओलिचिकी लिपि में तोरण द्वार व बैनर नहीं लगाए जाने से ग्रामीण व आदिवासी संगठन नाराज, तुरंत सुधार की मांग

दुमका : 135 वर्ष पुराना ऐतिहासिक राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव दुमका प्रखंड के हिजला गांव…

हिजला मेले में ओलिचिकी लिपि में तोरण द्वार व बैनर लगवाने की हेमंत सरकार से आदिवासी समाज ने की मांग

दुमका: दुमका में आयोजित होने वाले राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव की शुरुआत तीन फरवरी 1890…

संताल आदिवासियों का सवाल, बंगाल, असम व ओडिशा में ओलचिकी लिपि मान्य तो झारखंड में क्यों नहीं?

दुमका: दिसोम मरांग बुरु संताली अरीचली आर लेगचर अखड़ा और ग्रामीणों ने संताली भाषा, ओलचिकी लिपि…