रांची में बारिश की अनिश्चितता या भिन्नता मात्र 15 सालों में 37.7 प्रतिशत तक बढ गई है। जून महीने के पहले 17 दिन में इस जिले में 70 प्रतिशत तक कम बारिश हुई, अब अगले दो दिन के लिए भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। यह जिला जलवायु परिवर्तन के स्कोर पर 100 में 62 प्वाइंट के साथ अत्यधिक उच्च श्रेण में आता है।
रांची: रांची अपने आरादायक व खुशनुमा आवोहवा, हरियाली और ऐतिहासिक रूप से ठंड के दिनों के अलावा अन्य महीनों में भी रात मीठी ठंड के लिए जानी जाती रही है। रांची की यह विशेषता उसे पूर्वी भारत के अन्य प्रमुख शहरों में एक विशिष्ट स्थान पर रखती है। लेकिन, बीते दशकों में रांची काफी बदल गई है। रात की मीठी ठंड व हल्की बारिश अब दुःस्वप्न बन चुके हैं। झारखंड गठन व बीते ढाई में उसकी राजधानी की हैसियत से रांची पर दबाव काफी बढा है और गाड़ियों का बोझ काफी बढ गया है, जिससे आबोहवा भी पहले जैसी सुकूनदायक नहीं रही है। रांची में मौसमी बदलाव को विभिन्न स्तरों पर महसूस किया जा सकता है। लोग इसकी चर्चा करते हैं और पुराने दिनों को याद कर उससे तुलना भी। रांची के साथ झारखंड जैसे पठारी राज्य के मौसम में भी बदलाव आ रहा है।
आंकड़े यह भी बताते हैं कि पिछले 15 सालों में रांची के तापमान में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के संवेदनशीलता स्कोर पर 100 में 62 प्वाइंट के साथ यह जिला अत्यधिक उच्च श्रेणी में आता है।

बारिश की अनिश्चितता भी बढी है। रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के पूर्वानुमान पर 19 जून की सुबह साढे आठ बजे से 20 जून की सुबह साढे आठ बजे तक के लिए लोगों के लिए चेतावनी जारी की है और कहा है कि इस अवधि के दौरान गैर जरूरी यात्रा से बचें और निचले इलाकों से दूर रहें व सुरक्षित जगहों पर रहें।
उपायुक्त ने कहा है कि मौसम विज्ञान केंद्र, रांची ने 19 जून 2025 से 20 जून 2025 तक रांची जिले में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके कई संभावित प्रभाव हो सकते हैं, जिसमें परिवहन और बिजली आपूर्ति में व्यवधान, निचले इलाकों में जलजमाव, कमजोर संरचना व कच्ची सड़कों का नुकसान व जान-माल का खतरा।
उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने लोगों को सलाह दी है कि बेवजह की यात्रा न करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें व बिजली उपकरणों के प्रयोग में सावधानी बरतें। आपात स्थिति में प्रशासन व आपदा प्रबंधन टीम के निर्देशों का पालन करें। लोगों को यह सलाह भी दी गई है कि सिर्फ आधिकारिक सूचनाओं पर ध्यान दें और अफवाहों से बचें।

इस मैप में झारखंड के जिलों में एक जून से 17 जून के दौरान बारिश की कमी को दिखाया गया है। रांची सहित आठ जिलों में काफी कम बारिश इस दौरान हुई है। स्रोत: मौसम विज्ञान केंद्र, रांची।
आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2010 से 2025 के दरमियान रांची में बारिश की भिन्नता 37.7 प्रतिशत (उतार-चढाव के मापक के रूप में प्रयुक्त) तक बढी है। हीटवेव वाले दिनों में 0.2 दिन की वृद्धि हुई है और तापमान 0.1 डिग्री सेल्सियस बढा है।रांची में लू व हीटवेव की वृद्धि के साथ एयरकंडिशनर की बिक्री भी बढी है। इन 15 सालों के दौरान हवा की स्पीड में 3.05 किमी की वृद्धि हुई है।
रांची के अलावा झारखंड के उत्तरी मध्य व पूर्वी हिस्से के कुछ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। दिलचस्प तथ्य यह है कि 1 जून से 17 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड के 24 में आठ जिलों में अत्यधिक कम बारिश हुई है (सामान्य से 60 प्रतिशत तक कम)। इन जिलों में रांची (70 प्रतिशत कमी) के अलावा चतरा (92% कमी), पूर्वी सिंहभूम (77% कमी), गढवा (86% कमी), गिरिडीह (72% कमी), लोहरदगा (62% कमी), पलामू (85%कमी) व रामगढ (95%कमी) जिले शामिल हैं।