झारखंड सरकार मानसून सत्र में पंचायती राज एक्ट में संशोधन कर पेसा को लागू करे: महासभा

रांची: झारखंड जनाधिकार महासभा ने 24 जुलाई 2025 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक सार्वजनिक पत्र जारी कर विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान राज्य में पेसा कानून लागू करने की मांग की।

इस पत्र के माध्यम से महासभा ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया है कि 2024 विधान सभा चुनाव में राज्य के आदिवासी-मूलवासियों ने अबुआ राज की स्थापना के लिए इंडिया गठबंधन को स्पष्ट बहुमत दिया था, लेकिन सरकार ने अबुआ राज की स्थापना के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण पेसा को अभी तक पूर्ण रूप से लागू नहीं किया है। महासभा समेत राज्य के कई संगठन पिछले कुछ सालों से लगातार पेसा लागू करने की मांग करते रहे हैं। गठबंधन दलों ने चुनाव में वादा भी किया था, लेकिन इस ओर राज्य सरकार अत्यंत उदासीन है जो झारखंडियों के भावनाओं के साथ धोखा है।

महासभा ने पत्र में पेसा लागू करने की प्रक्रिया पर भी ध्यान केन्द्रित किया है. संवैधानिक व्यवस्था अनुसार पेसा के प्रावधान राज्य के पंचायत राज कानून से ही लागू हो सकते हैं, लेकिन झारखंड पंचायत राज अधिनियम, 2001 (जेपीआरए) में पेसा के अधिकांश प्रावधान सम्मिलित नहीं है. इसलिए पेसा को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए सबसे पहले पेसा के सभी अपवादों और उपान्तरणों अनुरूप जेपीआरए को संशोधित कर सभी प्रावधानों को जोड़ने की ज़रूरत है। इसके बाद ही, इन प्रावधानों अनुरूप पेसा नियमावली का गठन किया जाना है. लगातार जन दबाव के बाद सरकार द्वारा 9 मई 2025 को पेसा नियमावली का ड्राफ्ट सार्वजनिक किया गया और एक महीने में सुझाव आमंत्रित किये गए। महासभा ने पेसा में आवश्यक संशोधनों व प्रस्तावित नियमावली में संशोधनों के सुझावों को विभागीय मंत्री, अन्य मंत्रियों व विभाग को कई बार दिया है। अन्य कई संगठनों ने भी सुझाव दिया है।.

महासभा ने मुख्यमंत्री को वर्तमान स्थिति को भी याद दिलाया है। जेपीआरए में संशोधन और पेसा विषयक नियमावली में विलम्ब से पारंपरिक स्वशासन और ग्राम सभा अधिकार अति सीमित बने रहेंगे। नौकरशाहों के हाथों में शक्तियां सिमटी रहेंगी। राज्य के नौकरशाही का मूल रवैया झारखंडी जनों और हितों के प्रति असंवेदनशील है। अगर इसे बदला न जाये, तो जनाकांक्षाओं के अनुकूल कार्यों की उपेक्षा होती रहेगी और जन असंतोष गहराता जाएगा।

इस परिप्रेक्ष में महासभा मुख्यमंत्री से मांग की है कि पेसा को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए 2025 मानसून सत्र में जेपीआरए को संशोधित किया जाये एवं पेसा नियमावली को सभी प्राप्त जन सुझावों को सम्मिलित करते हुए अधिसूचित किया जाये। इसके बाद अगले 6 महीने में अन्य सम्बंधित कानूनों जैसे Jharkhand Rights to Fair Compensation and Transparency in Land Acquisition, Rehabilitation and Resettlement Rules, 2015, झारखंड नगरपालिका अधिनियम, 2011 आदि में पेसा अनुरूप संशोधन किया जाये।

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