बढती उम्र व बीमारी से रणथंभौर की चर्चित बाघिन एरोहेड की मौत, किया गया अंतिम संस्कार

रणथंभौर की सबसे प्रसिद्ध बाघिन में एक एरोहेड की मौत हो गई। बढती उम्र व बीमारी की वजह से उसकी मौत हुई है। उसके योगदान के मद्देनजर पूरी गरिमा व सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया। एरोनहेड एक ऐसी बाघिन थी, जिसकी सबसे अधिक बार कैमरे में तसवीरें व वीडियो लिए गए। वह बाघों के वंश को बढाने और अपने शिकार के कौशल के लिए विशेष रूप से याद की जाती रहेगी। अंतिम दिनों में भी एक मगरमच्छ के शिकार उसका वीडियो सामने आया है। बाघों के संरक्षण व इस प्रजाति की संख्या बढाने के लिए अपने योगदानों की वजह से वह एक आदर्श उदाहरण है।

उसकी मौत पर भारतीय वन सेवा के अधिकारी प्रवीण कासवान ने अंतिम संस्कार के पलों का एक फोटो शेयर करते हुए लिखा “रणथंभौर की प्रसिद्ध बाघिन एरोनहेड की मौत हो गयी, वह ऐसी बाघिन थी जिसकी सबसे अधिक बार तसवीरें ली गईं। उसने वंश को आगे बढाया। शावकों को पाला और रणथंभौर व अन्य बाघ अभ्यारण्यों के कुछ हिस्सों में बाघों की आबादी को बढाने में योगदान दिया। उसने जीन पुल को मजबूत किया और संरक्षण की कहानी का पुनर्लेखन किया”।

बाघिन एरोहेड अपने आखिरी दिनों में। Credit – Sachin Rai

फोटोग्राफर सचिन राय के द्वारा 17 जून को अंतिम बार उसकी तसवीरें ली गई थीं। उस दौरान राय द्वारा बनाया गया उसका एक वीडियो में बाघिन कमजोर दिख रही है। उसकी चाल थकी हुई है, कदम कांप रहे हैं और आंखें धंसी हुई हैं। उसने 14 वर्ष की जिंदगी जी।

बाघिन एरोहेड अपने आखिरी दिनों में मगरमच्छ का शिकार करते हुए। Credit – Sachin Rai

वह रणथंभौर की मशहूर बाघिन कृष्णा की बेटी और मचली (Machhli) की नातिन थी। वह मगरमच्छ का शिकार करने में कुशल थी और आखिरी दिनों में मगरमच्छ का शिकार करते हुए ही उसका एक वीडियो सामने आया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *