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मौजूदा जलवायु प्रतिज्ञाएँ पर्याप्त नहीं, सदी के अंत तक तापमान में 3.1°C की वृद्धि संभव : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की नई रिपोर्ट एक गंभीर चेतावनी देती है: 1.5°C के जलवायु…

आइयूसीएन का पहला ग्लोबल ट्री असेसमेंट प्रकाशित, 38% पेड़ों के विलुप्त होने का खतरा

पेड़ों की 47,282 प्रजातियों में कम से कम 16, 425 प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे में…

फोकस के बाहर कोशी दियारा का जनजीवन, समस्या सुलझाने के लिए संवेदनशीलता जरूरी

राहुल यादुका तटबंध सिर्फ नदियों को नहीं बांधते। तटबंध केवल स्पेस को खण्डित नहीं करते। तटबंध…

बंगाल के चाय बागान मजदूर नियोक्ताओं, दलालों व ईपीएफओ के कुचक्र के हैं शिकार

चाय बागान मजदूरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इपीएफओ अधिकारियों ने मुलाकात कर अपनी शिकायतें रखी है…

झारखंड में गरीबों का केवाईसी टॉर्चर, ज्यां द्रेज की टीम के जमीनी सर्वे में 60% खाते फ्रीज मिले

झारखंड में केवाईसी महामारी ने गरीबों को उनके ही पैसे से वंचित कर दिया है :…

फाइटोप्लैंक्टन क्या हैं और इसके बारे हमें जानना क्यों है जरूरी?

धरती पर ऑक्सीजन-कार्बन डाइआक्साइड का संतुलन बनाए रखने के लिए ज़िम्मेदार फाइटोप्लैंक्टन की संख्या दिनों-दिन घटती…

चक्रवात दाना को लेकर IMD ने क्या कहा है, 24 व 25 अक्टूबर क्या सावधानियां बरतनी होंगी?

तेज समुद्री लहरों की वजह से ओडिशा के चार व पश्चिम बंगाल के दो दिलों के…

बदलती जलवायु ने उत्तराखंड की बागवानी का बदला स्वरूप, फल उत्पादन में गिरावट

क्लाइमेट ट्रेंड्स नामक संस्था की एक ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो जलवायु परिवर्तन ने उत्तराखंड की बागवानी, खासकर…

हमारे यहां अच्छे से बारिश नहीं होने से इस बार भी खेती खराब हो गई

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के एक गांव की कहानी जहां अच्छी बारिश नहीं होने की…

सोनम वांगचुक के अनशन के 15 दिन पूरे, देश भर से लोगों का मिल रहा समर्थन

नई दिल्लीः पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक व उनके साथियों ने रविवार, 20 अक्टूबर को अपने अनशन…