आइयूसीएन का पहला ग्लोबल ट्री असेसमेंट प्रकाशित, 38% पेड़ों के विलुप्त होने का खतरा

पेड़ों की 47,282 प्रजातियों में कम से कम 16, 425 प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे में हैं।

आयूसीएन ने अपनी रेड लिस्ट की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर पहली बार अपने मूल्यांकन में अधिकांश पेड़ों को शामिल किया है।

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेसन ऑफ नेचर (आइयूसीएन) ने पहली बार ग्लोबल ट्री असेसमेंट यानी वैश्विक वृक्ष मूल्यांकन या आकलन जारी किया है। आइयूसीएन की रेड लिस्ट की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर जारी आकलन में आयूसीएन की लिस्ट में एक लाख 66 हजार 61 प्रजाति शामिल हैं, जिनमें 46 हजार 337 पर विलुप्त होने का संकट है।

आइयूसीएन के महानिदेशक डॉ ग्रेथेल एगुइलर ने कहा है, हम आइयूसीएन रेड लिस्ट में दुनिया के पेड़ों का वैश्विक मूल्यांकन (Global Tree Assessment) जारी कर रहे हैं, जो दर्शाता है कि तीन में से एक से अधिक पेड़ प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे में हैं। पारिस्थितिकी तंत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के माध्यम से पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए पेड़ आवश्यक हैं और लाखों लोग अपने जीवन और आजीविका के लिए उन पर निर्भर हैं। जैसा कि आइयूसीएन रेड लिस्ट 60 वर्षों के प्रभाव को सेलिब्रेट करती है, यह मूल्यांकन जीवन के मापदंड के रूप में इसके महत्व को उजागर करता है, साथ ही महत्वपूर्ण रूप से प्रकृति की गिरावट को उलटने के लिए कार्रवाई का मार्गदर्शन करने वाले एक अद्वितीय टूल के रूप में भी।

पहली बार दुनिया के अधिकतर पेड़ों को आइयूसीएन रेड लिस्ट में सूचीबद्ध किया गया है, जिससे पता चलता है कि 47,282 प्रजातियों में कम से कम 16, 425 प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे में हैं। पेड़ों की संख्या आइयूसीएन रेड लिस्ट में शामिल प्रजातियों की एक चौथाई से अधिक है और खतरे में पड़े पेड़ों की संख्या सभी खतरे में पड़े पक्षियों, स्तनधारियों, सरीसृपों और उभयचरों की संयुक्त संख्या से दोगुनी से भी अधिक है। दुनिया भर के 192 देशों में पेड़ों की प्रजातियाँ विलुप्त होने के खतरे में हैं।

रेड लिस्ट पार्टनर, बॉटनिक गार्डन्स कंजर्वेशन इंटरनेशनल में ग्लोबल ट्री असेसमेंट लीड डॉ. मालिन रिवर्स ने कहा, “यह व्यापक मूल्यांकन पेड़ों की संरक्षण स्थिति की पहली वैश्विक तस्वीर प्रस्तुत करता है, जो हमें बेहतर जानकारी के साथ संरक्षण निर्णय लेने और पेड़ों की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है, जहाँ इसकी तत्काल आवश्यकता है।” “यह कार्य एक वैश्विक प्रयास है, जिसमें 1,000 से अधिक वृक्ष विशेषज्ञ शामिल हैं। हमें लोगों और वैश्विक प्रयास का समर्थन करने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वृक्ष संरक्षण कार्रवाई को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए।”

सबसे ज़्यादा खतरे में पड़े पेड़ द्वीपों पर पाए जाते हैं। शहरी विकास और सभी स्तरों पर कृषि के लिए वनों की कटाई के साथ-साथ आक्रामक प्रजातियों, कीटों और बीमारियों के कारण द्वीप के पेड़ विशेष रूप से उच्च जोखिम में हैं। जलवायु परिवर्तन समुद्र के स्तर में वृद्धि और अधिक तेज़, अधिक लगातार तूफानों के माध्यम से, विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पेड़ों को तेज़ी से ख़तरा पैदा कर रहा है।

पेड़ों के सामने आने वाले खतरों को एड्रेस करना, उनके आवास संरक्षण और उनकी पुनर्बहाली उपाय करना, साथ ही साथ बीज बैंकों और वनस्पति उद्यान संग्रह के माध्यम से द्वीपों और दुनिया भर में पेड़ों के विलुप्त होने को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। सामुदायिक कार्रवाई के जरिये दुनिया के कई हिस्सों में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

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