सिदो-कानू ने आदिवासी अस्मिता व स्वाभिमान को नई पहचान दी

राजमहल कॉलेज में सिदो मुर्मू की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन

राजमहल (साहिबगंज): मॉडल कॉलेज, राजमहल में 11 अप्रैल को वीर सपूत सिदो मुर्मू की जयंती कार्यक्रम एवं 47वां संताली साहित्य दिवस हर्षाेल्लास एवं गौरव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एक विमर्श गोष्ठी का आयोजन प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें मॉडल कॉलेज राजमहल और पॉलिटेक्निक कॉलेज साहिबगंज के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी सिदो मुर्मू के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।

प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, सिदो मुर्मूू व कानू मुर्मू न केवल स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे, बल्कि उन्होंने आदिवासी अस्मिता और स्वाभिमान को नई पहचान दी। हमें उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज सेवा और राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी निभानी चाहिए।

संबोधित करते प्राचार्य डॉ रणजीत कुमार सिंह।

संताली साहित्य दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा, संताली एक गौरवशाली मातृभाषा है जिसकी जड़ें गहरी और समृद्ध हैं। इसके साहित्य को संरक्षण और संवर्द्धन देना हम सभी का दायित्व है।

विमर्श गोष्ठी में डॉ. रमजान अली, डॉ. अमित कुमार, तथा डॉ. विवेक महतो ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि सिदो-कानू न केवल इतिहास के पन्नों में बल्कि जन-जन के हृदय में जीवित हैं। इस अवसर पर अनेक लोग उपस्थित थे।

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